टीनएज में हार्मोनल चेंजेज : समझें बच्चों का मिजाज़, फॉलो करें केयर टिप्स

harmons-

12-15 वर्ष के बच्चों को अक्सर डांटते हुए अभिभावकों को आपने भी सुना होगा कि आजकल न जाने इसे क्या हो गया है। गुस्सा नाक पे रहता है,तो कोई चीज पसंद ही नहीं आती जब देखो बस चिड़चिड़ करते रहना। टीनएज यानी किशोरावस्था वह दौर होता है जब शरीर में कई बायोलॉजिकल बदलाव एक साथ होते हैं। लड़के-लड़कियों दोनों में हार्मोन का स्तर तेजी से बदलता है जिससे न सिर्फ उनका शरीर बदलता है बल्कि उनका व्यवहार, सोच, पसंद-नापसंद और भावनात्मक प्रतिक्रियाएं भी प्रभावित होती हैं। यही वजह है कि टीनएज बच्चों को अक्सर “मूड स्विंग्स” करता है जिसमें चिड़चिड़ापन, अकेलापन या गुस्सा महसूस होता है।

बच्चों में हार्मोनल बदलाव के प्रभाव
मूड स्विंग्सनेस – खुशी से गुस्सा या उदासी तक, पल भर में मूड का बदलना स्विंग्सनेस कहलाता है ये हार्मोनल चेंज का परिणाम है।
शारीरिक बदलाव – चेहरे पर मुंहासे, शरीर में बाल, आवाज में मोटापन जैसे परिवर्तन ऐसी परिस्थितियों में देखे जाते हैं।
आत्म-चेतना – इस अनूठे अनुभव से बच्चे अपने बदलते हुए लुक से कई बार इंप्रेस तो बहुत बार खिन्न भी होते हैं।जब इससे परे, इस दौरान उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस तेजी से बढता हैं जिसमें अपने से ज्यादा ,दूसरों की राय की ज्यादा चिंता नहीं होती ।
नए अनुभव की चाह – जोखिम लेने की प्रवृत्ति बढ़ती है, जैसे कि दोस्ती, सोशल मीडिया की लत, अपोजिट  जेंडर की ओर आकर्षण आदि।
कम्युनिकेशन गैप – इस दौरान बच्चों में माता-पिता से खुलकर बात करने में झिझक या दूरी आ सकती है।

पैरेंट्स के लिए देखभाल के जरूरी टिप्स
खुलकर संवाद करें – इस समय बच्चे को जज ने करें बल्कि उन्हें जज किए बिना ही पहले उनकी बात सुनें फिर जजमेंट दें।
पर्सनल स्पेस दें – इस दौर में बच्चों के विचारों और भावनाओं का सम्मान करें।
खान-पान का विशेष ख्याल करें – इस समय बच्चों के खाने का डाइट चार्ट फॉलो करें क्योंकि बेलेंस्ड डाइट हार्मोन बैलेंस करने में मदद करती है।
स्क्रीन टाइम सीमित करें – मोबाइल-इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से मानसिक प्रभाव बढ़ सकता है ,ये पैरेंट्स से दूरी बढाता है इसलिए बच्चों को अपना ज्यादा से ज्यादा समय दें।
फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं – इस दौर में खेल, योग या डांस जैसी एक्टिविटी तनाव कम करती है बच्चों को इससे जरूर जोड़े।
प्रोफेशनल हेल्प लेने में हिचक न करें – हार्मोनल  चेंज के समय बच्चे के व्यवहार में अत्यधिक बदलाव दिखे तो प्रोफेशनल काउंसिल ज़रूर लीजिए ।

विशेष :- टीनएज बच्चों की दुनिया तेजी से बदलती है और उस बदलाव को समझना, महसूस करना और संवेदनशीलता से प्रतिक्रिया देना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है। उन्हें सही मार्गदर्शन और प्यार देने से यह परिवर्तन काल एक सुंदर और मजबूत भविष्य की नींव बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *