मुख्य चुनाव (ELECTION COMMISSION) ने कहा कि वे देखें कि 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार पंजीकृत मतदाता हो
NEW DELHI: भारत निर्वाचन आयोग (ELECTION COMMISSION) ने देश के सभी सीईओ, डीईओ और ईआरओ के साथ दो दिवसीय सम्मेलन में कई निर्देश दिए। चुनाव आयोग ने कहा कि वे अपने-अपने राज्यों के सभी राजनीतिक दलों और अन्य हितधारकों के साथ नियमित बैठक कर उनकी समस्याओं को जानें। फिर इन समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करें। इसके लिए चुनाव मशीनरी को निर्देश दिया गया है कि वे 31 मार्च तक सभी राजनीतिक दलों समेत 28 हितधारकों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को जानें और उनका समाधान करें। इसके बाद इसकी कार्रवाई रिपोर्ट भी आयोग को सौंपी जाए।
पदभार के बाद पहली अखिल भारतीय सीईओ बैठक
ज्ञानेश कुमार के मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार संभालने के बाद यह पहली अखिल भारतीय सीईओ बैठक है। 4 और 5 मार्च को दिल्ली में हो रही इस बैठक में 100 से अधिक अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस लगातार आयोग पर हमला बोल रही है और आरोप लगा रही है कि विभिन्न राज्यों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के पास एक ही नंबर वाले वोटर कार्ड हैं। हालांकि, 23 फरवरी को इन आरोपों पर सफाई देते हुए आयोग ने माना था कि कुछ राज्यों के कुछ मतदाताओं के वोटर कार्ड नंबर यानी ईपीआईसी नंबर एक जैसे हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इनमें से कोई मतदाता फर्जी है या वह अपने निर्धारित मतदान केंद्र से कहीं और अपना वोट डाल सकता है।
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ELECTION COMMISSION ने स्पष्ट किया रुख
आयोग (ELECTION COMMISSION) ने स्पष्ट किया था कि एक ही वोटर कार्ड नंबर होने का मतलब कोई धोखाधड़ी नहीं है। जबकि तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि देश में दो वोटर कार्ड नंबर एक जैसे नहीं हो सकते। दो दिवसीय अखिल भारतीय सीईओ बैठक में सीईसी ज्ञानेश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने सभी कार्यों में अधिकतम पारदर्शिता लाने के साथ-साथ अपने सभी कर्तव्यों को पूरी लगन और मौजूदा कानूनी ढांचे के अनुसार पूरा करें। उन्होंने अधिकारियों को राजनीतिक दलों के प्रति सुलभ और जवाबदेह होने का निर्देश दिया।
अधिकारियों को ELECTION COMMISSION ने सौंपी जिम्मेदारी
मुख्य चुनाव (ELECTION COMMISSION) आयुक्त कुमार ने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि वे देखें कि 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सभी बूथ स्तर के अधिकारियों को मतदाताओं के साथ विनम्र व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी चुनाव कर्मचारी या अधिकारी झूठे दावों से भयभीत न हो।